Sahab Ram, Yuva Haryana
Chandigarh, 13 Oct, 2018
चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता के दौरा उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि जींद विधान सभा सीट विधायक डॉ. हरिचंद मिड्डा के देहांत से खाली हुई थी परंतु खट्टर सरकार यह उपचुनाव टालना चाहती है। नियमों के अनुसार विधान सभा या लोक सभा के किसी भी रिक्त स्थान को भरने के लिए उपचुनाव को 6 महीने से ज्यादा टाला नहीं जा सकता।
डॉ. तंवर ने कहा कि भाजपा सरकार ने यह उपचुनाव टालने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखा है और हैरानी इस बात की है कि चुनाव आयोग ने जींद उपचुनाव टालने की मंजूरी दे दी है। इससे स्पष्ट होता है कि अन्य संवैधानिक संस्थाओं की तरह चुनाव आयोग भी भाजपा की क्ठपुतली बन कर रहा गया है। हरियाणा विधान सभा का कार्यकाल एक साल का बचा है इसलिए अगर भाजपा यह उपचुनाव टालती है तो ये संविधान द्वारा दिए गए मताधिकार का हनन करना होगा।
डॉ. तंवर ने कहा कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही मुख्य चुनाव आयोग से मिल कर अपना रोष दर्ज करायेगा और जींद उपचुनाव 6 माह के अंदर-अंदर करवाये जाने की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार आने वाले चुनावों में भाजपा की होने वाली दुर्गती से डरी हुई परंतु उन्हें अपनी करतूतों के परिणाम तो भुगतने ही पड़ेंगे।
डॉ. तंवर ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार छात्र संघ चुनाव अप्रत्यक्ष ढंग से करवाने की साजिश कर रही है, जबकि कांग्रेस पार्टी तथा हरियाणा के अन्य राजनीतिक दल प्रत्यक्ष चुनाव करवाये जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई ने इन अप्रत्यक्ष चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय किया है। अन्य छात्र संगठन जैसे इनसो, एसएफओ आदि भी अप्रत्यक्ष चुनावों को छात्र के अधिकारों पर कुठाराघात बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष चुनाव की विधि अपना कर खट्टर सरकार अपने चमचों को छात्र संगठनों पर थोपना चाहते हैं।
डॉ. तंवर ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालयों के उपकुलपति और कॉलेजों के प्रिंसीपल अपने भाजपाई मालिकों को खुश करने के लिए इस विधि का समर्थन कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी पृष्ठभूमि में छात्र संघ चुनाव कराये जाने का कोई औचित्य नहीं है।