Pradeep Dhankhar, Yuva Haryana
Jhajjar
जिस झज्जर जिले को लिंगानुपात सबसे निचले स्तर पर देखा जाता था आज वही झज्जर लिंगानुपात में काफी सुधार कर रहा है। झज्जर में लिंगानुपात की दर 982 पर पहुंच गई है। लिंगानुपात का यह आंकड़ा वर्ष 2018 के लक्ष्य 950 से भी अधिक है। इतना ही नहीं अप्रैल 2017 में यह दर महज 882 थी जोकि एक वर्ष के उपरांत अप्रैल 2018 में 982 पर पहुंच गई है।
उपायुक्त सोनल गोयल ने इस बड़ी उपलब्धि को बहादुरगढ में पत्रकारो से वार्ता के दौरान सांझा किया। उपायुक्त ने अप्रैल माह के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों में लिंगानुपात की स्थिति को लेकर जिलावासियों, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, विकास एवं पंचायत विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग सहित जिला प्रशासन के सभी अंगों को बधाई दी।
उपायुक्त ने बताया कि वर्ष 2017 में झज्जर जिले में लिंगानुपात की दर 920 रही थी। यह दर वर्तमान दशक में सबसे अधिक रही है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम आरंभ होने के उपरांत झज्जर जिले में लिंगानुपात में तेजी से सुधार आया है। बीते वर्षों के अनुभव को देखते हुए वर्ष 2018 के वार्षिक लिंगानुपात 950 तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़े थे। अप्रैल माह में जन्म लेने वाले बच्चों में लिंगानुपात की औसत दर 982 रहना झज्जर जिला में सकारात्मक बदलाव का संकेत है। उन्होंने अप्रैल माह के नतीजों को मंजिल की बजाए पड़ाव बताते हुए कहा कि सफलता का यह सिलसिला वर्ष भर जारी रहना चाहिए।