अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सूरज पर अपना पहला मिशन ”पार्कर सिलर प्रोब” रवाना कर दिया है। धरती के कई रहस्यों से पर्दा उठाने वाला इंसान अब सूरज की खोज करने के लिए निकल पड़ा है। आपको बता दें की जिस मिशन पर नासा निकला है उसकी पृष्ठ भूमि 60 साल पहले भारतीय अमेरिकी खगोलशास्त्री सुब्रमण्यम चंद्रशेखर ने तैयार कर दी थी।
चंद्रशेख़र को 1983 में विलियम एक फाउलर के साथ तारों की संरचना और उनके उद्धव के अध्यन्न के लिए भौतिकी की नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अब नासा का यह मिशन सूर्य के निकट जाकर उसके आसपास के वातावरण का अंदाजा लगाएगा।
यह अंतरिक्ष यान एक कार जीतना है।जिसका वजन 612 किलो है।
यान की रफ़्तार 190 किमी प्रति सेकंड है। यह सात साल में सात बार सूर्य की सतह से करीब 40 लाख मील की दुरी से गुजरेगा।
बता दें की इससे पहले कभी कोई भी अंतरिक्ष यान सूर्य के इतने करीब से नहीं गुजरा है।
2024 तक यह यान 6 .4 मिलियन किलोमीटर की दुरी तय कर सूर्य के सात चक्कर लगाएगा। यह यान सौर आंधी और सूर्य की सतह के ज्यादा गर्म होने के बारे में जानकारी जुटाएगा और रहस्य से पर्दा उठाएगा।