Vinod Saini, Yuva Haryana
Hisar, 06 Oct, 2018
योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ सकती है। बाबा रामदेव को हिसार की कोर्ट ने नोटिस जारी कर 22 अक्टूबर को तलब किया है। बाबा रामदेव पर दलितों पर टिप्पणी करने का आरोप है।
हिसार के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार जैन की अदालत ने योग गुरु बाबा रामदेव को आगामी 22 अक्टूबर को अपनी अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया है। अदालत ने बाबा रामदेव को यह नोटिस शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कल्सन की रिवीजन याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए।

शिकायतकर्ता एवं एक दलित राइट्स एक्टिविस्ट एडवोकेट रजत कल्सन ने बताया कि गत 26 अप्रैल 2014 को बाबा रामदेव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फै्रंस करके दलितों के बारे में बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। कल्सन ने बताया कि उन्होंने इस बारे में हांसी की जुडिशल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास की अदालत में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसको निचली अदालत ने खारिज कर दिया था।
इसके खिलाफ उन्होंने हिसार की सत्र अदालत में रिवीजन याचिका दाखिल की, जो इस याचिका पर हिसार के अतिरिक्त सत्र व जिला न्यायाधीश राजकुमार जैन ने गत दिवस बाबा रामदेव को नोटिस जारी कर उसको अदालत में 22 अक्टूबर को पेश होकर अपना पक्ष रखने के निर्देश जारी किए हैं।

गौरतलब है कि इस बारे में अधिवक्ता रजत कल्सन को बाबा रामदेव के समर्थकों ने पत्र लिखकर मुकदमा वापिस न लेने पर जान से मारने की धमकी दी थी।उन्होंने बताया कि अगर बाबा रामदेव इस याचिका मैं अदालत के समक्ष पेश नहीं होते हैं तो अदालत आगामी तारीख को बाबा रामदेव को पेश होने लिए उनके गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।
-क्या कहा था बाबा रामदेव ने-
और देखो भाई मोदी और बाबा रामदेव मजबूरी में फकीर नहीं बने राहुल गांधी की तरह, और बेचारे की किस्मत ही खराब है कि उसे कोई लड़की ही नहीं मिल रही और उसकी मम्मी कहती है कि मेरा मुन्ना तूने विदेशी लड़की से ब्याह करवा लिया तो तू प्रधानमंत्री नहीं बनेगा देसी से वो करवाना नहीं चाहता, मम्मी चाहती है कि पहले वो प्रधानमंत्री बन जाए फिर विदेशी लड़की को लाये और यह लड़का है जो देसी से शादी नहीं करवाना चाहता हनीमून करने के लिए पिकनिक करने के लिए जरूर दलितों के घरों में जाता है।