Sahab Ram, Yuva Haryana
Chandigarh, 6 May, 2018
हरियाणा में रोडवेज विभाग में किलोमीटर के हिसाब से ठेके पर निजी बसें लेने का विरोध शांति पूर्ण तरीके से ही हो रहा था, लेकिन सरकार के एक और फैसले ने अब कर्मचारियों में रोष पैदा कर दिया है। सरकार का यह फैसला है कांट्रेक्ट बेस पर रखे गए ड्राइवरों को हटाने का ।
अब इस आदेश के जारी होने के बाद प्रदेश में रोडवेज यूनियनों ने भी सरकार के खिलाफ खुला आंदोलन छेड़ दिया है. आज प्रदेश के बस अड्डों पर दो घंटे का शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया लेकिन साथ में अल्टीमेटम भी जारी कर रखा है कि अगर किसी भी डिपो प्रबंधक ने एक भी कर्मचारी को हटाया तो उसी समय पूरे प्रदेश में चक्का जाम हो जाएगा।
रोडवेज यूनियनों ने कल कुरुक्षेत्र में बैठकर इस आंदोलन की रुपरेखा तैयार की थी. रोडवेज कर्मचारियों ने प्रदेश के सभी बस अड्डों पर दो घंटे का शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन का फैसला लिया था जिसके चलते आज सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक यह प्रदर्शन किया गया।
रोडवेज यूनियन के नेता सरबत सिंह बताते हैं कि हरियाणा सरकार कर्मचारियों के साथ दमनकारी नीति अपना रही है. कर्मचारियों की मांगों का दमन किया जा रहा है. वहीं कर्मचारियों को दबाने का ही प्रयास किया जा रहा है।
उन्होने बताया कि रोडवेज विभाग को पूरी तरह से निजी हाथों में देने की सरकार की योजना है. सरकार धीरे-धीरे कर रोडवेज विभाग को निजी हाथों में दे रही है।
बता दें कि परिवहन विभाग में 2016 में ठेके पर भर्ती 365 चालकों को सरकार द्वारा चार मई को पत्र जारी करके नौकरी से हटाने का आदेश महाप्रबंधकों को भेजा गया है। जिस कारण रोडवेज कर्मचारियों में भारी रोष है।
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