शिक्षा हमारा मौलिक अधिकार है। साक्षरता के लिए सरकार ना जाने कितने ही अभियान चलाए हुए है। मगर इसके इतर सतनाली मंडी के गांव श्यामपुरा के सरकारी स्कूल में शिक्षक ही नहीं है।
पिछले 6 महीने से शिक्षकों का इंतजार कर रही स्कूल की छात्राएं आखिर अपने मौलिक अधिकार के लिए सड़क पर बैठ गई। इतनी गर्मी भी इन लड़कियों ने धरना जारी रखा लेकिन गर्मी के कारण दर्जनों से ज्यादा छात्राएं बेहोश हो गईं पर अपनी मांग पर अड़ी रही।
लड़कियों की हालत देखते ही एंबुलेंस बुलवाई गई और उनको सतनाली सीएचसी में भर्ती करवाया गया। इस दौरान परिजनों का गुस्सा भड़क गया और कहा कि अगर उनकी बेटियों को कुछ बुआ तो वे इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और इसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग व सरकार की होगी।
इतना होने पर भी उच्चाधिकारियों के रवैये से नाराज विद्यालय के विद्यार्थियों और परिजनों ने स्कूल के गेट के सामने एकत्रित होकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए स्टाफ की नियुक्ति की मांग करते हुए स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया।
सूचना पाकर पहुंची पुलिस पहुंची और गांव वालो को समझाया, लेकि वे शिक्षा विभाग से बात करने पर अड़े रहे। 6 घंटे बाद जब डीईओ मुकेश लावणियां आए तो अभिभावकों ने उनको खूब खरी खोटी सुनाई। डीईओ ने देरी के लिए माफी मांगी और जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्त की बात कही।
इस पर महिलाओं ने कहा हमें आश्वासन नहीं शिक्षक चाहिए। आश्वासन तो आपने 6 माह पूर्व भी दिए थे, आज तक भी शिक्षक नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि अगर आपके बस की बात नहीं हैं तो आप जा सकते हैं।
इसके बाद उन्होंने स्थिति को देखते हुए मौके पर ही जिले के विभिन्न स्कूलों से अध्यापकों का डेपुटेशन सप्ताह में 4 दिन के लिए श्यामपुरा हाईस्कूल के लिए कर दिया।