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जानिए स्वस्थ रहने की कुछ अच्छी आदतें
व्यस्थ जिंदगी में हम खुद को समय नहीं दे पाते हैं और जिसकी वजह से काफी बीमारियां भी होने लगती हैं।
आपको स्वस्थ रहने की जरूरत है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही बाते बताएंगे जिनको जानकर आप भी खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।
कहीं भी बाहर से घर आने के बाद, किसी बाहरी वस्तु को हाथ लगाने के बाद, खाना बनाने से पहले, खाने से पहले, खाने के बाद और बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं।
घर में सफाई पर खास ध्यान दें, खासकर रसोई और शौचालयों पर पानी को इकट्ठा न होने दें। सिंक, वॉश बेसिन जैसी जगहों पर रोजाना सफाई करें। फिनाइल, फ्लोर क्लीनर आदि का उपयोग करते रहें।
खाने की किसी भी वस्तु को खुला न छोड़ें।
कच्चे और पके हुए खाने को अलग-अलग रखें।
खाना पकाने और खाने के लिए उपयोग में आने वाले बर्तनों, फ्रिज, ओवन को भी साफ रखें। कभी भी गीले बर्तनों को रैक में नहीं रखें, न ही बिना सूखे डिब्बों के ढक्कन लगाकर रखें।
ताजी सब्जियों-फलों का प्रयोग करें। उपयोग में आने वाले मसाले, अनाज के साफ सुथरे स्थान पर रखें। बहुत ज्यादा तेल, मसालों से बने भोजन उपयोग न करें। खाने को सही तापमान पर पकाएं और ज्यादा पकाकर सब्जियों के पौष्टिक तत्व नष्ट न करें। साथ ही ओवन का इस्तेमाल करते समय तापमान का खास ध्यान रखें। भोज्य पदार्थों को हमेशा ढककर रखें और ताजा भोजन खाएं।
खाने में सलाद, दही, दूध, दलिया, हरी सब्जियों, साबुत दाल-अनाज आदि का प्रयोग जरूर करें।
कोशिश करें कि आपकी प्लेट में ‘वैरायटी ऑफ फूड’ शामिल हो। खाना पकाने और पीने के लिए साफ पानी का उपयोग करें। सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाएं।
खाना पकाने के लिए अनसैचुरेटेड वेजिटेबल ऑइल (जैसे सोयाबीन, सनफ्लॉवर, मक्का या ऑलिव ऑइल) का प्रयोग करें।
खाने में शक्कर और नमक दोनों की मात्रा का प्रयोग कम से कम करें। जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक और आर्टिफिशियल शक्कर से बने जूस का उपयोग न करें। कोशिश करें कि रात का खाना आठ बजे तक हो और भोजन हल्का-फुल्का ही हो।
अपने आराम करने और सोने के कमरे को साफ-सुथरा, हवादार और खुला-खुला रखें।
चादरें, तकियों के गिलाफ और पर्दों को बदलते रहें और मैट्रेस या गद्दों को भी समय-समय पर धूप लगाकर झटकारें।
मेडिटेशन, योगा, ध्यान का प्रयोग एकाग्रता बढ़ाने और तनाव से दूर रहने के लिए करें।
कोई भी एक व्यायाम रोज जरूर करें। इसके लिए रोजाना कम से कम आधा घंटा दें और व्यायाम के तरीके बदलते रहें।
जैसे कभी एयरोबिक्स करें तो कभी सिर्फ तेज चलें। अगर किसी भी चीज के लिए वक्त नहीं निकाल पा रहे, तो ऑफिस या घर की सीढ़ियां चढ़ने और तेज चलने का लक्ष्य रखें।
45 की उम्र के बाद अपना रूटीन चेकअप करवाते रहें और यदि डॉक्टर आपको कोई औषधि देता है तो उसे नियमित लें।
प्रकृति के करीब रहने का समय जरूर निकालें। बच्चों के साथ खेलें, अपने पालतू जानवर के साथ दौड़ें और परिवार के साथ हल्के-फुल्के मनोरंजन का भी समय निकालें।
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