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Yuva Haryana, 09 January, 2021
हरियाणा सीआइडी की कार्यप्रणाली में सुधार की कवायद ठंडे बस्ते में पर गई है। राज्य के गृहमंत्री अनिल विज से इस विभाग को अलग करने के बाद सीआइडी में सुधार के कदम रुक गए हैं। करीब एक साल पहले विज से इस विभाग को अलग कर इसे मुख्यमंत्री मनोहरलाल के अधीन किया गया था। इस पर सीएम मनोहरलाल और गृहमंत्री विज के बीच खींचतान सुर्खियों में आ गई थी।
पिछले साल 8 जनवरी को प्रदेश सरकार ने सीआइडी के वर्तमान स्वरूप और कार्यप्रणाली में परिवर्तन के लिए तत्कालीन गृह सचिव विजय वर्धन (अब मुख्य सचिव) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसमें पुलिस महानिदेशक रैंक के आइपीएस अधिकारी केपी सिंह और पीआर देव शामिल थे। अभी तक इस कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है।
कमेटी के गठन के समय सीआइडी का कार्यभार गृह मंत्री अनिल विज के पास था। इसे 22 जनवरी 2020 को मुख्यमंत्री ने अपने हाथ में ले लिया। कमेटी में शामिल दोनों आइपीएस अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, लेकिन आज तक यह सार्वजनिक नहीं हुआ कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दी या नहीं। रिटायर्ड अफसरों की जगह नए सदस्य शामिल किए गए या फिर कमेटी को भंग कर दिया गया।
बता दें कि मौजूदा पुलिस कानून अर्थात हरियाणा पुलिस अधिनियम 2007 में सीआइडी का कहीं उल्लेख नहीं है। इसके स्थान पर स्टेट इंटेलिजेंस विंग और स्टेट क्राइम इंवेस्टिगेशन विंग गठित करने का उल्लेख है।
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