Share this News
Yuva Haryana, 16 December, 2020
हरियाणा सरकार जल्दी ही अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करने वाली है। लेकिन इससे पहले हरियाणा में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। बता दें कि इस विस्तार में कुछ मंत्रियों को हटाया जाना है। कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव होगा तो कुछ नए विधायकों को मंत्रिमंडल में मौका दिया जा सकता है। मंत्रिमंडल में दो सीटें पहले से खाली चल रही हैं। ऐसे में मनोहरलाल सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक खास ‘डिप्लोमेसी’ अपना रहे हैं।
इन निर्दलीय विधायकों ने आपस में बैठक की। इन विधायकों ने मुद्दा किसानों के आंदोलन और एसवाईएल का पानी दिलाने को बनाया और बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की और उन्हें सरकार के साथ होने का मजबूत भरोसा दिलाया। आपको बता दें कि हरियाणा में सात निर्दलीय विधायक हैं, जिन्होंने भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बिना शर्त अपना समर्थन दे दिया था।
महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपने बागी तेवरों के चलते सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। किसान आंदोलन के चलते चरखी दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन से इस्तीफा देकर सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया था। मुख्यमंत्री ने रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला को अपनी सरकार में बिजली व जेल मंत्री बना रखा है। बाकी बचे पांच निर्दलीय विधायकों को सरकार ने विभिन्न बोर्ड एवं निगमों का चेयरमैन नियुक्त कर दिया था।
अब पंचकूला में मंगलवार को पूंडरी के निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन के निवास पर नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर, पृथला के विधायक नयनपाल रावत, बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद और चरखी दादरी के विधायक सोमवीर सांगवान जुटे। बिजली मंत्री रणजीत चौटाला इस बैठक में नहीं पहुंचे। हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन का पद ठुकराने वाले बरवाला के जजपा विधायक जोगी राम सिहाग भी निर्दलीय विधायकों की मीटिंग में शामिल हुए।
सभी ने मिलकर लंच किया और किसानों की मांगों का समर्थन किया। साथ ही कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को एमएसपी की गारंटी मांग रहे किसानों की बात को स्वीकार कर लेना चाहिए। हालांकि केंद्र सरकार इसके लिए पहले से राजी है। बैठक करने के बाद निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत के नेतृत्व में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने उनके निवास पर पहुंचे।
इस मुलाकात में सोमवीर सांगवान और जोगी राम सिहाग शामिल नहीं हुए। नयनपाल रावत, राकेश दौलताबाद, धर्मपाल गोंदर और रणधीर गोलन ने मुख्यमंत्री से कहा कि कांग्रेस किसानों के इस आंदोलन को बेवजह तूल दे रही है। हरियाणा के किसान शांतिप्रिय हैं। राज्य सरकार ने किसानों की मांगों को केंद्र तक पहुंचाकर सराहनीय कार्य किया है। इसलिए इस आंदोलन को खत्म कराने की दिशा में गंभीरता से काम किया जाए, ताकि किसान अपने खेतों में अगली फसल की तैयारी कर सकें और यह आंदोलन राजनीतिक दिशाहीनता का शिकार न बने।
ये भी पढ़िये >>
Share this News