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Yuva Haryana, 03 December, 2020
नए कृषि कानून के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान संगठनों की मांग है कि इन कानूनों को जल्द से जल्द वापस लिया जाए। इसे लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच विज्ञान भवन में साढ़े 7 घंटे की बैठक आज भी बेनतीजा ही खत्म हो गई। किसान और सरकार के बीच अगली बैठक 5 दिसंबर यानी शनिवार को होगी।
बता दें कि आज दिल्ली के विज्ञान भवन में 40 किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया गया था। इधर बैठक में सरकार की तऱफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहे थे। बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है।
दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्र सरकार के साथ किसान नेताओं की बैठक में किसान नेताओं ने सरकार को सुझाव दिया कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाए और नए कृषि कानूनों को समाप्त किया जाए।
In the new Act, it has been provided that farmers can take their grievances to SDM court. Farmers' Unions feel that SDM court is a lower court and they should be allowed to go the court. Govt will consider this demand: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/nrRxvy4wOi pic.twitter.com/oKvzTI3ztk
— ANI (@ANI) December 3, 2020
इधर, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को नहीं छेड़ा जाएगा। इसमें किसी प्रकार कोई बदलाव नहीं किया गया है और ना ही किया जाएगा।
किसानों की सरकार से आज चौथी और दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन शुरू करने के बाद दूसरी बातचीत हो रही है। इस मीटिंग के लिए सरकार और किसान बुधवार को दिनभर स्ट्रैटजी बनाते रहे। किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया है।
आज की मीटिंग में ये 5 प्रमुख मांग
■ केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए।
■ केंद्र की कमेटी की पेशकश मंजूर नहीं की जाएगी।
■ MSP हमेशा लागू रहे। 21 फसलों को इसका फायदा मिले।
■ अभी तक किसानों को गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है।
■ खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को केंद्र से आर्थिक मदद मिले।
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